मनसे की मांडवली..

तो फिर मांडवली हो ही गई! मुंबईया सेना ने भारतीय सेना के लिए रैन्सम मांगा और लाचार बालीवुड आखिर कार उसे देने को तैयार हो ही गई। कई सौ करोड़ों की पूंजी फंसी है ,क्या करेंगे?आज कश्यप जी कुछ नहीं बोले और न इसके लिए भी प्रधानमंत्री को दोषी  ठहराये!आज मुकेश भट्ट सामने आये।करन जौहर खुद कल गृहमंत्री से मिले और आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ बैठे।मामला हल तो हुआ पर पब्लिसिटी मिल गई। आगे भले ही पाकिस्तानी कलाकारों को नही लेंगे पर आज ही खबर थी कि एक बड़े बैनर ने एक पाकिस्तानी कलाकार को साइन भी किया। अरे सालभर मे सब भूल जायेंगे और ज्यादा से ज्यादा पांच करोड़ का बजट और बढ़ जाएगा, क्या होगा?ये फिल्मिये, नाटकिये जानबूझकर ऐसा करते हैं और पब्लिक को बेवकूफ बनाते हैं।   ये सच है कि  कोई भी विवाद हो ,सबका गुस्सा फिल्म पे निकलता है। जितनी बैन, तोड़फोड़, हंगामा प्रदर्शन आदि फिल्मों के लिए होती है ,उतना शायद किसी के लिए नही होता पर क्या इसके लिए जिम्मेदार स्वयं फिल्म वाले नही हैं? क्या प्रधानमंत्री है? शायद पहली बार किसी फिल्मकार ने इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री पर प्रश्न चिन्ह उठा दिया! क्यों ? क्योंकि ये लोकतंत्र है और यहाँ कोई ऐरा गैरा भी देश के शासक पर उंगली उठा सकता है! अनुराग साहब! शुक्र मनाइये आप भारत मे रहते हैं!अरब देशों मे रहते तो पता चलता! क्या आपलोग अपनी गिरेबान मे झांक कर नही देखते? क्या आपको नही लगता कि आप लोग की दिली इच्छा रहती है कि काश कोई विवाद हमारी फिल्म के लिए हो जाता और बिन मांगे पब्लिसिटी हमे मिल जाती। यह सच है कि इससे लाखों लोगों को रोजी रोटी मिलती है और आपको मुनाफा। पर क्या ये सिर्फ आप इंटरटेनमेंट के लिए बनाते है? पीेके हो ओ माई गाड हो या उड़ता पंजाब हो ,विवाद या हल्ला गुल्ला क्या प्रधानमंत्री ने मचाया था? सलमान को " प्रेगनेंट औरत" वाला शोशा उन्होंने छोड़ने के लिए बोला था? आमिर को "असहिष्णु" शब्द प्रयोग करने के लिए उन्होंने प्रेरित किया था। जानबूझकर  कमीने मे तेली शब्द डाला, और "भाग भाग डी के बोस" को गाने मे घूसाया। आपलोगो की महात्वाकांक्षा स्वयं बड़े बड़े नेताओं, माफियाओं, और निवेशकों के पास ले जाती है। एम एन एस ,शिवसेना बाल ठाकरे, हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम के पास जाने के लिए क्या देश के प्रधानमंत्री ने बोला था? आपको शर्म नही जब किसी राज्य के सिनेमाघरों ने आपकी या आपके दोस्त की फिल्म को दिखाने से इंकार कर दिया तो इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहरा दिया।आपको मीडिया फुटेज लेना है लीजिए पर लोकतंत्र मे दी गई आजादी का यूं मजाक न उड़ाईये। क्या इंडिया मे कलाकारों का अकाल पड़ गया है जो आप उसे भी आयात करने लगे है! हमे किसी भी देश के कलाकार से परहेज नही ,पर उस देश से अवश्य है जो सबकी जानकारी मे दिन रात भारत को तोड़ने और तबाह करने मे लगा है। यह आम जनता की मनोभावना है ,फिर आपलोग कैसे उनसे संबंध रख सकते हो और उनका विरोध होने पर प्रधानमंत्री को ब्लेम कर सकते हो? फिल्म इंडस्ट्री को शाहरूख के रईस और करन जौहर के " ऐ दिल है मुश्किल" का सपोर्ट करना चाहिए! उन्हे तब पता नही था कि हालत इतने खराब हो जायेंगे और उरी और पठानकोट हमले एवं कश्मीर मे वानी इंकाऊंटर हो जाने हालात बिगड़ जायेंगे। उन्हे हालात सुधरने का इंतज़ार करना चाहिए। जनता को ही फिल्म देखना है और आप उनके लिए ही इसे बनाते हो।मनसे या सेना की दादागीरी पर जुबान नही हिलेगी क्योंकि आपको तुरंत मुंबई छोड़ना पड़ जाएगा। मनसे ने विरोध किया तो उनकी सब शर्तें मान ली ! क्यों न मानते! पानी मे रहकर मगर से बैर! अब सभी रैन्सम मनी आर्मी वेलफेयर फंड मे डालेंगे। पहले दाऊद और रवि पूजारी वसूलता था अब ठाकरे वसूलेंगे, आर्मी के नामपर! आमिर और शाहरूख की अभी से फटी पड़ी है कि कहीं फैन और दिलवाले जैसा हाल न हो जाये। जो इन्हें सर पर चढाता है , वही जमीन पर भी गिराता है। असल मे अलग दिखने के चक्कर मे उलूल जलूल बोल जाते हैं जो बाद मे भारी पड़ जाता है।

Comments

Popular posts from this blog

कोटा- सुसाइड फैक्टरी

पुस्तक समीक्षा - आहिल

कम गेंहूं खरीद से उपजे सवाल