Posts

Showing posts from June, 2023

कम गेंहूं खरीद से उपजे सवाल

Image
15 जून को उत्तर प्रदेश में सरकारी गेंहू की खरीद बंद हो गई। इस वर्ष भी बहुत कम मात्रा में लगभग 2.19 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीद हो पाई। जाहिर है किसानों को बाजार में सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा मूल्य प्राप्त हो रहा है तो भला वो सरकारी केंद्रों पर अपना गेंहू बेचने क्यों लायेंगे। हालांकि भारत सरकार के  उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की सूचना के अनुसार देश में 30 मई 2023 तक गेहूं की 2.62 करोड़ टन खरीद हुई है, जो  पिछले साल के 1.88 करोड़ टन से काफी अधिक है। इसमें ज्यादातर खरीद पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में हुई है। हालांकि इसके बावजूद संभवतः वर्ष 2007 के बाद सबसे कम सरकारी खरीद इसबार देश में हुई है। उत्तरप्रदेश में  पिछले साल की खराब मानसून और फिर बिन मौसम बरसात से बरबाद हुई फसलों के चलते अन्न उत्पादन खासकर गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है। गेंहूं के दाने सिकुड़े हुए थे और पूर्वांचल और बुंदेलखंड में फसल तैयार होने से पूर्व तेजी से बढ़ी गर्मी और धूप ने प्रति हेक्टेयर उत्पादन को कम कर दिया।                  वर्ष 2020-21 और 2021-22 में कोर

चरण स्पर्श पर विमर्श

Image
अहमदाबाद के दर्शकों से खचाखच भरे नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में आइपीएल फाइनल मैच के बाद क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की विधायक पत्नी रिबावा जडेजा ने भरे मैदान में उपस्थित हजारों और करोड़ों लाइव दर्शकों के बीच अपने पति का चरण स्पर्श क्या कर लिया, मानो पूरे देश में एक बहस सी छिड़ गई। बहस के बीच कई बातें निकल कर सामने आयी है जिसमें सबके अपने अपने पक्ष हैं। कोई इसे भारतीय परंपरा और संस्कृति का प्रतीक मानते हैं तो कोई स्त्री समानता के विरुद्ध। कोई इसे पितृसत्तात्मक परंपरा का नाम दे रहे हैं तो कोई इसे राजनीतिक दिखावे के तौर पर देख रहा है।                 वस्तुत: पैर छूना, जिसे कुछ संस्कृतियों में "चरण स्पर्श" के रूप में जाना जाता है, पारंपरिक रूप से सम्मान और विनम्रता का प्रदर्शन माना जाता है। जब हम किसी का सम्मान करते हैं तो उनके पैर छूते हैं। इसे संस्कारों से जोड़ कर देखा जाता है, इसलिए छोटे अपने बड़ों के पैर छूते हैं। भारतीय परंपरा में बड़ों का पैर छूकर छोटे आशीर्वाद लेते हैं। अब इसमें स्त्री पुरुष के लिए मायने अलग हो जाते हैं जैसे हम अपने माता-पिता का या बेटियां भी मम्म