कम गेंहूं खरीद से उपजे सवाल
15 जून को उत्तर प्रदेश में सरकारी गेंहू की खरीद बंद हो गई। इस वर्ष भी बहुत कम मात्रा में लगभग 2.19 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीद हो पाई। जाहिर है किसानों को बाजार में सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा मूल्य प्राप्त हो रहा है तो भला वो सरकारी केंद्रों पर अपना गेंहू बेचने क्यों लायेंगे। हालांकि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की सूचना के अनुसार देश में 30 मई 2023 तक गेहूं की 2.62 करोड़ टन खरीद हुई है, जो पिछले साल के 1.88 करोड़ टन से काफी अधिक है। इसमें ज्यादातर खरीद पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में हुई है। हालांकि इसके बावजूद संभवतः वर्ष 2007 के बाद सबसे कम सरकारी खरीद इसबार देश में हुई है। उत्तरप्रदेश में पिछले साल की खराब मानसून और फिर बिन मौसम बरसात से बरबाद हुई फसलों के चलते अन्न उत्पादन खासकर गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है। गेंहूं के दाने सिकुड़े हुए थे और पूर्वांचल और बुंदेलखंड में फसल तैयार होने से पूर्व तेजी से बढ़ी गर्मी और धूप ने प्रति हेक्टेयर उत्पादन को कम कर दिया। वर्ष 2020-21 और 2021-22 में कोर