एक लड़की पानी पानी की समीक्षा
लेखक रत्नेश्वर सिंह का नवीनतम उपन्यास "एक लड़की पानी पानी" पर्यावरण संकट को केंद्र मे रखकर रचा बुना गया है, जिसे एक लड़की "श्री" की कहानी के जरिए कहा गया है। एक ऐसी लड़की, जो बिहार जैसे कट्टर जातीय समाज के सबसे निचले तबके से आती है, लेकिन अपनी प्रतिभा, सोच ,मेहनत और अद्भुत विचारों की बदौलत जल संकट संबंधी विश्वस्तरीय सम्मेलन मे भारत का प्रतिनिधित्व करती है, इतना ही नही ग्लोबल जल संकट पर रिसर्च पर शोध कार्य करनेवाले इंस्टीट्यूट मे काम करने विदेश तक जाती है।। मानव जाति को जल के आसन्न संकट से बचाने के लिए उसके "नदान- नदीली प्रोजेक्ट" और "श्रीस्त्र "यंत्र के निर्माण सदृश शोध भले ही अभी हाइपोथेटिकल लगे परंतु लेखक ने इसके माध्यम से इस दिशा मे एक राह दिखाई है। रत्नेश्वर सिंह की " रेखना मेरी जान" और" एक लड़की पानी पानी" की विषयवस्तु को देखकर ऐसा लगता है कि पर्यावरण संकट पर उपन्यास लिखनेवाले वो संभवतः वर्तमान मे एकमात्र लेखक है। उपन्यास का पहला चैप्टर ही लोमहर्षक है जिसमे भविष्य की कठोर सच्चाई से रुबरु कराया जाता है" लाल लाल पानी&q