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Showing posts from February, 2018

प्रेमियों के प्रकार

आज" विश्व प्रेम दिवस"( वेलेंटाइन डे) पर इस पावन धरा पर अवतरित प्रेमी जीवों के प्रकार का गहन विश्लेषण इस लिए भी आवश्यक प्रतीत हो रहा है कि हम, आप और पड़ोसी किस कैटेगरी मे आते हैं ,वो जान जायेंगे, फिर उनकी पीठ पीछे बुराई करने मे सबको ज्यादा आसानी होगी क्योंकि ये ऐसी चीथ है जिसे करना सब चाहते हैं पर खुलेआम स्वीकार करने मे हिचकिचाते हैं। " मोहब्बत जिंदाबाद" कहने का साहस सलीम कर सका क्योंकि वो शहजादा ( बड़ा आदमी)था।तो दुनिया मे कई प्रकार के प्रेमी जीव होते हैं।प्रथम वो जो जिससे प्यार करते हैं ,बाद मे उसी से विवाह करते हैं परंतु विवाह पश्चात हमेशा उस पत्नी रुपी प्रेमिका मे गर्लफ्रेंड को तलाशते रहते हैं। सर्वदा उसकी तुलना करते हुए यह कहना कि मैने तो अहसान किया कि तुमसे शादी कर लिया , भले ही प्रेमिका किसी और के साथ भाग गई हो।दूसरे वो जो अपनी प्रेमिका से शादी नही कर पाते,वियोगी होकर या तो कुंवारे रह जाते हैं या कर भी लिए तो उस पत्नी को प्रेम नही कर पाते हैं। तीसरे वो जो अपनी प्रेमिका को पत्नी बनाते हैं और उसे पत्नी के रुप मे स्वीकार कर हमेशा उससे प्रेम करते रहते हैं , ऐसे जीव

एक्जामिनेशन ड्युटी

" हो सुरेन्द्र! क्या कहा जाय? हम सब त वैसा भी दौर देखें हैं जिसमे किताब खोल के नकल होता था" बिहारी काका मूंह मे पान की खिल्ली दबाते हुए  बोले!" ई " सी सी टीवी" लगने से नकल तो रुक जाएगा पर बताओ , लईका लोगन पे कितना प्रेशर रहेगा? " लेकिन काका! अच्छा तो है! जेनुइन विद्यार्थी लोग  ही पास करेगा और जो ई सब लंफदर सब परीक्षा पास कर  झूठे मूठे के भीड़ लगाते  हैं, ऊ सब तो नही लगेगा! सुरेन्द्र बोला" कर्पूरी डिवीजन और लालू डिवीजन से कोनो लाभ हुआ? खाली बेरोजगारों की संख्या मे इजाफा हो गया!" " पहिले गांव मे जब कोई मैट्रिक पास करता था तो चौगामा के लोग जान जाता था कि फलां बाबू के बेटा मैट्रिक पास किया है पर जबसे खुला खेल फरुखाबादी होने लगा, डिग्री का कोनो महत्व रह गया है। जिधर देखो सब हरहा- सुरहा ग्रेजुएट हो गया। चार लाइन लिखने या बोलने को कहो तो मूंह ताकने लगेगा! " पिच्च से पान की पीक बगल मे फेंकते हुए बिहारी काका बोले"नकल का ऐसी कहानी की का सुनायें! " एकबार हम गये दरभंगा ,अपने मसियौत( मौसेरा भाई) से मिलने! ग्रेजुएशन का एक्जाम चल रहा था।