बाल विवाह

यदि सत्य है तो दु:खद है। क्या मनुष्य हैं हम ?वर्ष 2011 के जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 30% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की उम्र से पूर्व कर दिया जाता है जिसमे से लगभग 3% का विवाह 10 वर्ष से पूर्व हो जाता है। बडे़ ही शर्म की बात है ! यह समाज का कोढ़ है। इसके बावजूद यदि हमारे देश की बच्चियां देश का नाम रौशन करती है तो फख्र की बात है। हमे नाज होना चाहिए उनपर।सैकड़ो सालो से इस कुप्रथा के विरूद्ध लड़ाई लड़ी जा रही है। इस पुरुषवादी समाज मे महिलायें उपयोग की वस्तुयें है जिनका शादी मे इस्तेमाल किया जाता है। राजस्थान जैसे सामंतवादी समाज और  अन्य आदिवासी सदृश पिछड़े इलाको मे बाल विवाह धड़ल्ले से  किया जा रहा है।

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