कैसी आजादी??

सुबह सुबह जब तैयार होकर झंडारोहण के लिए आफिस की तरफकदम बढाया तो लाजो की अम्मां अपने छोटे बेटे को सीने से सटाये सीधे सरपट जा रही थी। मैने कहा" लाजो और बेचन तो स्कूल गये  होंगे? नही साहब आज छुट्टी थी ! लाजो तो घर का काम काज कर रही है और उसके बाद खेत मे साथ मे काम करने आ जाएगी!  बेचन सबेरे ही चौक पर वो झंडा, टोपी, पिन सब बेचने गया है, आज और 26 जनवरी को थोडी़ ज्यादा बिक्री हो जाती है।"क्यों " मैने कहा" स्कूल क्यों नही । आज स्वतंत्रता दिवस है। उन्हे झंडोतोलन मे शामिल होने जाना चाहिए! कहां साहब! बड़ी मुश्किल से तो पेट काटकर उसे पढा रहे हैं। एक दिन छुट्टी मिली है! हाथ बटा देगी तो मजूरी मिल जाएगी। कापी कलम का खर्चा निकल आएगा। वहां जाकर क्या करेगी?  बेचन काफी दिन से इसका इंतजार कर रहा था कि आज के कमाये पैसो से नयी शर्ट खरीदनी है। पुराना वाला फट गया है, स्कूल मे सभी चिढाते हैं।कहां की आजादी और कैसी आजादी साहब? हम सब तो वैसे ही हैं सब दिन। जिस दिन मजूरी न करें, पेट मे अन्न का दाना नही जाएगा! क्या आज फ्री मे खाना देती है सरकार ? मैने कहा" कैसी बातें करती हो लाजो की अम्मां! देश मे अपना शासन है , हम वोट देकर उन्हे चुनते है?हमारी सरकार है! कहां साहेब! हम कहां चुनते है? वो तो प्रधान जी कहते है, कि अपने जात का नेता है, भला करेगा, दे दो। बटन दबा  आते हैं, बस उसी दिन हजार पांच सौ मिल जाता है ,उसके बाद तो पांच साल कोई पूछता ही नही! पहले गोरो का शासन था अब देशी गोरे आ गये है।उनके लिये आजादी है! हमको क्या? हम तो मजूर के मजूर ही रह गये ना?लाजो के पापा रिक्शा चलाते थे, अभी भी चला रहे हैं।कौन चीज की आजादी है हमे? क्या मंदिर मे पुजारी जी जाने देते है? क्या उस बरहम बाबा के स्थान पर जो चापाकल लगा है ,उससे पानी भरने देते है ठाकूर लोग? एक दिन काली चरण मालिक के यहां काम न करने जायें तो  क्या हमे दूसरे के यहां वो काम करने देंगे?बिना उनके कहे बेटी का बियाह नही कर सकते?उनके कर्ज से दबे है! कर्जा ना देते तो बडकी बेटी का बिआह भी ना कर पाते! लाजो और बेचन को पढने देने के लिए क्या क्या करम करने पड़े है हमे, मै ही जानती हूं।मैने सोचा बात तो लाजो की अम्मा सोलह आने सच बोल रही है! फिर हम हरेक साल स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते है? किस बात की आजादी? और कैसी आजादी? जबतक सामाजिक और आर्थिक आजादी नही मिलेगी, राजनीतिक आजादी बेमानी है, और वो न जाने कब मिलेगी? मिलेगी भी या नही? मैं निरूतर हो गया! कौन सी आजादी? एक छात्र नेता जे एन यू मे बोलता है " लड़ के लेंगे आजादी"।सब उसका साथ देते है! कुछ लोग  मिलकर कश्मीर मे आजादी मांगते है। सवाल लाजो की अम्मा का भी वही है पर उसमे आवाज  और दम  कहां है?  इस आवाज पर किसका ध्यान है? सब  तो भारत भाग्य विधाता की जन गण मन  का उद्घोष कर पार्टी पार्टी खेलने लगेंगे ! पर इनका क्या? इनके लिये आजादी का जश्न बेमानी है ,पर मुझे तो सरकारी और राष्ट्रीय कर्तव्य पूरा करना है ना!  आठ बजने वाले है! जय हिंद!

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