बापू का रिटायरमेंट प्लान

जिस दिन चरखेवाली तस्वीर गायब होने की खबर आई तो हल्ला ये उड़ा कि बापू ने दस साल पहले अपनी तस्वीर खुद हटाने की फाइल आगे बढ़ा दी थी, क्योंकि साठ साल हो गये थे , रिटायरमेंट का समय आ गया था और एक ही पोज मे बैठे बैठे बापू थक भी गये थे। अब जिस पार्टी को खुद उन्होंने समाप्त करने की शायद सिफारिश की थी ,वो तो साहस न सकी। साहसी कदम कोई उनके जैसा गुजराती ही कर सकता था तो पहले उसने नोटों पर उनका पोज बदल दिया। वहाँ से फोटो हटाने पर मुद्रा अवमूल्यन का खतरा था शायद! तो शाम मे  जब मै बापू को फिर से पढने का प्रयास कर रहा था कि अचानक बापू प्रगट हो गये। बोले" क्यों चिन्ता मग्न हो वत्स? बोला" बापू ये अच्छा नही हो रहा है आपके साथ! आप इसतरह धीरे धीरे  गायब हो जाओगे तो  हमलोग दो अक्टूबर को छुट्टी कैसे मनायेंगे? वो बोले" बेटे !चौक चौराहे पर हमारी मूर्ति पर पशु पक्षियों से बीट करवाने से मन नही भरा है क्या"? जगह जगह रोड का नाम रखकर उसपर चलते हो तो मुझे मजा आता है?" मुझे तुमलोग नोटों पर छापे हुए हो, लोग बाग अपने अंगुलियों मे थूक लगा लगाकर भींगाते हैं और नोट को गिनते रहते हैं। बोलो ! कितनी घिन आती है हमें।" बापू बोले। " लेकिन हमलोग तो आपको सम्मान देने के लिए नोटों पर फोटो छापते हैं ताकि एक तो लोग आपको भूले नही, दूसरो इससे देश की अर्थव्यवस्था से सीधे आप जुड़ गये है।" बापू बोले " छी ! तुमने तो हमे अमीरों की तिजोरियों मे बंद कर रखा है। मै देश की आम जनता, गरीबों के पास कहाँ रुक पाता हूं। कहते है लक्ष्मी चंचला होती है और तुमने मुझे उनकी तरह चंचला बना दिया है। उल्लूओं की सवारी करने लगा हूं।मुझे ऐसे भ्रष्टाचार का पर्याय बना दिया गया है कि " कोई भी अपना उल्टा सीधा काम निकालने के लिए कहता है" गांधी बाबा हैं ना! अरे ! क्या मैने स्वतंत्रता की लड़ाई इसलिए थोड़े न लड़ी थी"!अरे फोटू मे क्या रखा है? काहे हाय तौबा मचाये रहे हो! कल मेरा था आज किसी और का होगा! साठ साल बाद तो सब रिटायर हो जाते हैं ,मुझे तो सतर साल तक झेला है तुमलोगो ने, ये क्या कम है? बड़ा इज्जत दिया ,मान सम्मान दिया। अरे! आज इज्जत से खुद ही रिटायरमेंट की घोषणा कर दूं नही तो पता नही कब धक्के मारकर ,बेइज्जत करके निकाल दो! एक दिन बोलोगे" योर टाइम इज ओभर"! अपना रास्ता नापिये, तब कौन सा मुंह लेकर रहूंगा। देखो न! धोनी भी इसी ऐज मे रिटायरमेंट प्लान कर रहा है, अपनी इज्जत आप बचा रहा है! किसी का फोन आये कि" बापू आप रिटायरमेंट की घोषणा कर दो, इससे पहले ही मैने साठ साल पर फाइल चलवा दी!" अब रिटायरमेंटल बेनिफिट तो मुझे नहीं चाहिए, भगवान का दिया सबकुछ है मेरे पास ! बस मेरे विचारों को मत मारना! वैसे छोटे बड़े सबने बापू कहा, मै मस्त हो गया। अब काहे का झगड़ा और काहे का रगड़ा? मैने तो कभी हिंसा का समर्थन नही किया। कोई हमारा फोटो हटा भी दे तो अच्छा है! कहाँ मै अधनंगा फकीर दिखता हूँ। अरे जब देश की हालत वैसी थी तो मेरी हालत भी वैसी थी। अब देश ने तरक्की कर ली है तो सुटेड बुटेड तस्वीर का जमाना आ गया है। अब कहाँ मेरी सूट बूट वाली तस्वीर लगाओगे। लोगों के जेहन मे मेरी जो तस्वीर बनी है ,उसे रहने दो। " तस्वीर मे क्या रखा है?" और ये क्या लगा रखा है तुमलोगो ने की" गांधी बाबा अभी भी प्रासंगिक हैं।किसी भी दफ्तर मे जाते हो तो गांधीजी दिखाओ काम हो जाएगा। भ्रष्ट लोग मुझे देखते ही काम कर देते हैं, उनकी बांछे खिल जाती है। जिसका हमने विरोध किया उसी का पर्याय हमें बना दिया। ये तो उसी तरह से है कि  फिल्म " ओ माई गाड" मे परेश रावल जिस पाखंड और कर्मकांड का पूरी जिंदगी विरोध करता रहा, उसके मरने के बाद धर्म के ठेकेदारों ने उसे ही पाखंड और कर्मकांड की प्रतिमूर्ति बनाने का प्लान बना लिया। कहीं तुम लोग भी उसी ढर्रे पर तो नही चल रहे हो? अब मुझे बख्श दो! ये नोट वोट पर से मेरा फोटो हटा लो। "न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी"! और मै क्यों न लूं रिटायरमेंट? तुम लोग तो बिना बात के अब गुनगुनाने लगे हो कि" बापू सेहत के लिए तु तो हानिकारक है"! और वो इतना हिट हो गया कि सुने हैं नोटबंदी मे भी पांच सौ करोड़ कमा लिया है।जब इतना ही हानिकारक हूं तो जाने दो न मुझे! "बापू ने इतना लंबा भाषण पिला दिया कि हम बिल बिलाकर उठ खड़े है और हड़बड़ाहट मे पलंग से नीचे गिर गये। हाथ मे मेरे " सत्य के साथ मेरे प्रयोग" पुस्तक थी और मेरी नींद खुल गई थी। औरों की कब खुलेगी पता नही?टीवी पर राष्ट्रपति महोदय का गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर  राष्ट्र के नाम संदेश आ रहा था कि" महात्मा गांधी आज भी प्रासंगिक हैं"।

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