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Showing posts from August, 2016

ऐसी बानी बोलिए...

"सत्यं ब्रुयात, प्रियम् ब्रुयात, अप्रिय सत्यम न ब्रुयात" एक जनाब कल्बे कबीर साहब है जिनके पीछे आज एक समूह लोटा बाल्टी लेकर पिल पड़ा, कहने लगे कबीर ,तुम मर जाओ! क्युं मर जाये भाई? अ...

दाना मांझी के बहाने..

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कल जबसे दाना मांझी को अपने कंधे पर अपनी पत्नी की लाश लादकर पैदल चलते दिखाया गया है तबसे मानवीय संवेदनाओं के पतन तथा सरकारी तंत्र के ध्वस्त हो जाने का क्लिप, वीडियो, परिचर्चा, लेख लगातार मीडिया मे छाया हुआ है! प्रश्न यह है कि दाना मांझी क्या पहला शख्स है जिसके साथ ऐसा हुआ? क्या सरकारी तंत्र की विफलता का तांडव इससे पूर्व चर्चा मे नही रहा है? क्या इससे पूर्व मानवीय संवेदनाओं पर प्रश्नचिन्ह नही उठाया गया है? क्या करेगा शासन प्रशासन ,उस जिम्मेदार पटल सहायक, कंपाउंडर का निलंबन और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के विरुद्ध, चार्जशीट? दो - चार दिन मीडिया मे बहस ,हो -हल्ला, सतारुढ दल को गाली, लोकल विधायक मंत्री को कला झंडा और घेराव, और कुछ दिन बाद सब शांत! इससे क्या होगा? क्या फिर से ऐसी घटना नही घटेगी?क्या हम सिर्फ तात्कालिक रियेक्शनरी बन गये हैं, घटना के तह तक जाने और उसका समूल निराकरण मे विश्वास नही करते?क्या कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि दाना मांझी की गुहार किसी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी ने क्यों नही सुनी?क्या किसी ने जानने की कोशिश की कि उस एम्बुलेंस की आखिरी सर्विसिंग कब हुई थी? उस ऐम्ब...

कृष्ण-- एक महान गुरु

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"यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।" कृष्ण एक महान विश्व गुरु के रुप मे स्थापित हैं जिन्होने सिर्फ अवतार नही लिया बल्कि अपने प्रत्येक लीला, कर्म, ज्ञान, चमत्कार, उपदेश, दर्शन , अपनी कूटनीति और राजनीति से संपूर्ण मानव समाज को शिक्षा प्रदान किया है। जब-जब पृथ्वी पर पाप और अधर्म का बोझ बढ़ जाता है, तब तब ईश्वर विभिन्न अवतारो के रुप मे जन्म लेकर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।उस काल मे दुष्ट राक्षस जब राजाओं के रूप में पैदा होने लगे, प्रजा का शोषण करने लगे, भोगवासना-विषयवासना से ग्रस्त होकर दूसरों का शोषण करके भी इन्द्रिय-सुख और अहंकार के पोषण में जब उन राक्षसों का चित्त रम गया, तब उन आसुरी प्रकृति के अमानुषों को हटाने के लिए तथा सात्त्विक भक्तों को आनंद देने के लिए कृष्ण का अवतार हुआ।जब जब समाज में अव्यवस्था फैलने लगती है, सज्जन लोग पेट भरने में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं ।दुष्ट बढ़ जाते है और निर्दोष अधिक सताये जाते हैं तब उन सताये जाने वालों की संकल...

अबूझ पहेली-जिंदगी

" मै पल दो पल का शायर हूं, पल दो पल मेरी जवानी है, पल दो पल मेरी हस्ती है, पल दो पल मेरी जवानी है"मशहूर गायक मुकेश के ये गाने जब भी कानो मे पड़ते हैं, मन प्रफुल्लित हो जाता है ,साथ ही जीव...

गोद उठाई

तो उन्हे बुढापे मे भी गोद चढाई का शौक चर्राया है,कहते है इस स्थिति मे बचपन लौट आता है। माननीय  को अपने सिपाहियो को गोद मे देखकर क्लिक करने वाले की बाछें खिल गयी, अब तो लाटरी लग...

बाल विवाह

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यदि सत्य है तो दु:खद है। क्या मनुष्य हैं हम ?वर्ष 2011 के जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 30% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की उम्र से पूर्व कर दिया जाता है जिसमे से लगभग 3% का विवाह 10 वर्ष से पूर्व हो जाता है। बडे़ ही शर्म की बात है ! यह समाज का कोढ़ है। इसके बावजूद यदि हमारे देश की बच्चियां देश का नाम रौशन करती है तो फख्र की बात है। हमे नाज होना चाहिए उनपर।सैकड़ो सालो से इस कुप्रथा के विरूद्ध लड़ाई लड़ी जा रही है। इस पुरुषवादी समाज मे महिलायें उपयोग की वस्तुयें है जिनका शादी मे इस्तेमाल किया जाता है। राजस्थान जैसे सामंतवादी समाज और  अन्य आदिवासी सदृश पिछड़े इलाको मे बाल विवाह धड़ल्ले से  किया जा रहा है।

बलूची तीर निशाने पर ...

""संयोगस्य ही भारतीयनाम् सर्व कार्यम भवति "" ये संस्कृहिन्दी (हिंगलिश का भांति) का जुगाडू श्लोक है!तो क्या ये संयोग ही है कि उधर भारत की ना-पाक संतान अपनी आजादी की वर्षगांठ कश्...

कैसी आजादी??

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सुबह सुबह जब तैयार होकर झंडारोहण के लिए आफिस की तरफकदम बढाया तो लाजो की अम्मां अपने छोटे बेटे को सीने से सटाये सीधे सरपट जा रही थी। मैने कहा" लाजो और बेचन तो स्कूल गये  होंगे? नही साहब आज छुट्टी थी ! लाजो तो घर का काम काज कर रही है और उसके बाद खेत मे साथ मे काम करने आ जाएगी!  बेचन सबेरे ही चौक पर वो झंडा, टोपी, पिन सब बेचने गया है, आज और 26 जनवरी को थोडी़ ज्यादा बिक्री हो जाती है।"क्यों " मैने कहा" स्कूल क्यों नही । आज स्वतंत्रता दिवस है। उन्हे झंडोतोलन मे शामिल होने जाना चाहिए! कहां साहब! बड़ी मुश्किल से तो पेट काटकर उसे पढा रहे हैं। एक दिन छुट्टी मिली है! हाथ बटा देगी तो मजूरी मिल जाएगी। कापी कलम का खर्चा निकल आएगा। वहां जाकर क्या करेगी?  बेचन काफी दिन से इसका इंतजार कर रहा था कि आज के कमाये पैसो से नयी शर्ट खरीदनी है। पुराना वाला फट गया है, स्कूल मे सभी चिढाते हैं।कहां की आजादी और कैसी आजादी साहब? हम सब तो वैसे ही हैं सब दिन। जिस दिन मजूरी न करें, पेट मे अन्न का दाना नही जाएगा! क्या आज फ्री मे खाना देती है सरकार ? मैने कहा" कैसी बातें करती हो लाजो की अम्मां...

खेलोगे कूदोगे होगे खराब....

पढुआ भैया आजकल तेजी से गिटपिटाने लगे हैं।सांझ होते ही स्टार स्पोर्ट्स के दो से लेकर पांच चैनल को रिमोट से उलटा पुलटी करने लगे हैं, शायद किसी पर पोडियम के पीछे भारतीय झंडा लह...