फेसबुक पर पोस्ट लिखने से लेकर फ्रेंड सर्कल बनाना और अल्टीमेटली लाईक रुपी धनार्जन करना एक आर्ट है, या यूं कहिए कि यह साइंस और कामर्स भी है, जिसमें जाहिर है दिमाग लगाना पड़ता है। यह एक विश्वविद्यालय है जिसमे सभी प्रकार की फैकल्टी है तो इसमे अपनी धाक जमाने के लिए अपनी फ्रेंड लिस्ट मे धुरंधर पंडित(ज्ञानी नही), कट्टर मौलवी, प्रचंड अंबेडकर वादी, धुर आरक्षण विरोधी, जन्मजात आरक्षण समर्थक, खानदानी कांग्रेसी, भगवाधारी भाजपाई, अपने मुंह मे हमेशा हंसुआ- हथौड़ा लेकर चलनेवाला कामरेड, घोर अघोरपंथी, पंच मकार( मत्स्य, मांस, मदिरा, मुद्रा और मैथुन) मे विश्वास करनेवाला बुद्धिजीवी, कवि, साहित्यकार, गायक, फोटोग्राफर, फिल्मकार, स्टूडेंट, बेरोजगार, सरकारी नौकर, प्राइवेट नौकर इत्यादि सभी विधाओं के सिद्धहस्त फेसबुकियों को शामिल करिए। एक्सेप्ट न करे तो रगड़ मारिये फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज भेजकर ! अरे! मानेंगे कैसे नही! " जंतर मंतर का " धरना मंत्र " कब काम आयेगा। और कैसे नेता लोग चुनाव के दिनों मे तबतक पैर नही छोड़ता जबतक आपसे हां नही बोलवा लेता है। इसे कहते हैं" बम बोलना!" " टैगियाना...