चैट जीपीटी--आर्टिफीशियल इंटलिजेंस



फेसबुक पर एक पोस्ट थी  कि "भविष्य अर्थात दो सौ साल बाद  रहनेवाले इंसानों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मध्य प्रेम पर एक कहानी लिखने के लिए उसने chatgpt को कहा और मिनटों में 1000 शब्दों की एक कहानी उसके सामने थी।" आखिरकार यह chatgpt क्या बला है जो मिनटों में 1000 शब्दों की कहानी लिख सकती है। यदि ऐसा है तो भला लेखक क्या करेंगे? असल में CHAT GPT एक नया टर्म है, जो आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और टेक्निकल हैंड लोग तेजी से इसका प्रयोग कर रहे हैं। चैट जीपी यानि  चैट जेनरेटिव प्रिट्रेंड ट्रांसफार्मर आर्टिफिशियल एक इंटेलीजेंस टूल है, जिसे दूसरा गूगल किलर भी माना जा रहा है। यह माना जा रहा है, जिस तेजी से इसके प्रयोगकर्ता बढ़ रहे है , निकट भविष्य में यह गूगल को पीछे छोड़ देगा। 

इसकी शुरुआत सैम अल्टमैन और एलन मस्क ने 2015 में की थी, लेकिन जल्द ही एलन मस्क ने इसे छोड़ दिया था, तब  माइक्रोसॉफ्ट ने इसे  अपना लिया और 30 नवम्बर 2022 को इसे एक प्रोटोटाइप के तौर पर लांच किया गया। यह सर्च बॉक्स में लिखे गए शब्दों को समझकर आर्टिकल, टेबल, समाचार लेख, कविता जैसे फॉर्मेट में जवाब दे सकता है। आप चैट जीपीटी से कोई भी सवाल कर सकते हैं जिसका वह सरलता से लिखकर आपको जवाब देता है ,लेकिन एक लर्निंग मॉडल की तरह  ये सिर्फ उतना ही जवाब दे सकता है ,जितना इसके अंदर डेटा फीड है या जिस डेटा पर इसे प्रशिक्षित किया गया है।  यह भी एक प्रकार से गुगल की तरह सर्च इंजन का काम करता है। लेकिन जब आप चैट जीपीटी पर कुछ भी सर्च करते हैं तो यह आपको गुगल की तरह वेबसाइट नहीं दिखता है, बल्कि आपके द्वारा पुछे  गये सवाल का विस्तार से जबाव देता है। फिलहाल चैट जीपीटी कोई निबंध, यूट्यूब वीडियो के लिए स्क्रिप्ट, कोई बायोग्राफी, कवर लेटर, छुट्टी के लिए एप्लीकेशन तथा और भी कोई सवाल जिसका चैट जीपीटी लिखकर जवाब देता है। अभी तक चैट जीपीटी हिन्दी भाषा में कार्य नहीं कर रहा है। इतने कम समय में  चैट जीपीटी ने 20 मिलियन यूजर्स बना लिया है और तेजी से पसंद की जा रही है। यदि चैट जीपीटी द्वारा दी गई जानकारी से हम सन्तुष्ट नहीं होते  है तो   Chat GPT अपने डेटा में फिर से बदलाव करता है तथा सम्पूर्ण डेटा फिर से आपको दिखाता है। इंटरनेट टेक्नोलॉजी से जुड़े लोग  इससे अपनी  नौकरी पर खतरा मानते है। यदि चैट जीपीटी को एडवांस टेक्नोलॉजी के आधार पर लगातार अपडेट किया जाता रहा तो भविष्य में नौकरियों पर खतरा अवश्य मंडरा सकता है, जैसे जो कंटेंट लिखते हैं, कोचिंग में पढाते है, कस्टम केयर इत्यादि। लेकिन साथ ही आनलाइन अर्निंग की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। आप इसकी सहायता से निबंध, बायोग्राफी, एप्लीकेशन, ईमेल , स्क्रिप्ट , स्टोरी इत्यादि चीजें भी लिखकर तैयार कर सकते हैं। 

       आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित बहुत सारी फिल्में हालीवुड में बनती रही है। इसकी शुरुआत स्टार ट्रेक, स्टार वार्स से हुई जिसे मैट्रिक्स सीरिज ने ऊंचाई तक पहुंचा दिया। ये सब तो सिर्फ कल्पनाएं थी जिसे एनीमेशन द्वारा फिल्मी पर्दे पर दिखाया गया था परंतु जापान में तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  पर आधारित दुनिया की पहली फिल्म बन रही है जिसमें में मुख्य किरदार एक एआई रोबोट निभा रहा है। इस फिल्म में काम करने के लिए रोबोट को सात करोड़ डॉलर लगभग  528 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। चैट जीपीटी इस दिशा में बढ़ता कदम है जो धीरे धीरे इंसान को मशीनों के साथ में सौंप देगा। इस खतरे को जानते हुए भी इंसान इस ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। 

  चैटजीपीटी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने भी इस दिशा में हाथ पांव मारने शुरू कर दिए हैं।   2023 के आरंभ में गूगल ने बार्ड AI नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त चैटबाट लॉन्च किया है। वास्तव में तो गूगल पिछले 6 सालों से इस आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जबकि लैंग्वेज मॉडल बार्ड LaMDA को डेवेलप करने पर पिछले 2 सालों से कार्य हो रहा है। चीनी खोज इंजन Baidu की चैटजीपीटी-शैली के चैटबॉट को रोल आउट करने की योजना सामने आने के कुछ दिनों बाद ही  गूगल ने अपने स्वयं के इंटरैक्टिव AI टूल, बार्ड का अनावरण किया। यह टूल ओपनएआई के चैटजीपीटी की प्रतिस्पर्धा में होगा, जिसने हाल ही में सार्वजनिक परीक्षण के लिए उपलब्ध कराए जाने के बाद से केवल 2 महीनों में 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं को देखा है। बार्ड की सभी क्षमताओं का खुलासा होना बाकी है ।बार्ड गूगल का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है। यह बिल्कुल ChatGPT की तरह काम करेगा, यानी यूजर्स बातचीत के जरिए चैटबॉट का इस्तेमाल कर सकेंगे। नया चैटबोट डायलॉग एप्लिकेशन के लिए गूगल के लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग एप्लिकेशन या( LAMDA) पर आधारित है। कंपनी के मुताबिक यह LAMDA का लाइट वर्जन है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के मुताबिक, बार्ड को अभी कुछ ही यूजर्स के लिए टेस्टिंग बेसिस पर पेश किया गया है। हालांकि, बहुत जल्द बार्ड को पब्लिक यूज के लिए भी पेश किया जाएगा। बार्ड के पास ढेर सारे डेटा तक पहुंच होगी और इसे Google के सर्च इंजन के साथ एकीकृत किया जाएगा। जहां चैटजीपीटी कुछ तथ्यात्मक गलतियां कर सकता है और कहानियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर सकता है, गूगल के बार्ड एआई को उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए माना जा सकेगा। गूगल के बड़े पैमाने पर डेटा युज  करने के कारण, बार्ड एआई के पास चैटजीपीटी जैसे अन्य एआई प्लेटफार्मों पर बढ़त प्राप्त होगी। वर्चुअल पर्सनल असिस्टेंट और अन्य स्मार्ट होम गैजेट अधिक से अधिक व्यापक होते जा रहे हैं, और यह पहले से ही हमारे जीने और काम करने के तरीके को बदलना शुरू कर रहा है। इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के  विकास के कारण नौकरी छूटने और इसके नैतिक प्रभाव के बारे में चिंतायें तो बनी ही रहेगी। 


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