मैथिल संस्कृति
हिमालय की तराई में नेपाल के दक्षिण, कोसी नदी से पश्चिम , गंडक नदी से पूर्व और गंगा नदी से उत्तर स्थित मिथिला एक सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में अपनी प्राचीन परंपरा और धरोहर को अक्षुण्ण बनाए हुए है। इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुषमा , ऐतिहासिक गौरव एवं सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध है। मिथिला के सामाजिक- सांस्कृतिक जीवन में लौकिक एवं वैदिक संस्कृति का समन्वय देखने को मिलता है। मैथिली समाज संस्कारो से परिपूर्ण तथा अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ जीने की कला को जिंदादिली के साथ जीता है। समाज में विभिन्न धार्मिक परंपराओं, रीति रिवाजों , पंथ संप्रदायों यथा शैव, शाक्त, वैष्णव, और अन्य आपसी प्रेम व सद्भाव के साथ रहते आये हैं। मिथिला क्षेत्र की मूल भाषा मैथिली है और इसके बोलने वालों को मैथिल कहा जाता है। मिथिला को तिरहुत, तिरभुक्ति, और मिथिलांचल के नाम से भी जाना जाता है।समग्र रुप में मैथिल संस्कृति को विशिष्ट तौर पर विदेह राज जनक एवं सीता से संबंधित माना जाता है। संस्कृति के हरेक अवयव में राम सीता समाहित है। हालांकि मैथिल संस्कृति को बंगा...
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