एलिफेंट एंड ड्रैगन टैंगो
वैश्विक राजनीति में” एलिफेंट एंड ड्रैगन “ टर्म का उपयोग अक्सर क्रमश: भारत और चीन के आपसी संबंधों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है जो न केवल इनके आपसी संबंध बल्कि इनके संबंधों से क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों में इनकी भूमिका की महत्ता को दिखाता है। इसको देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपने अग्रसोची भू राजनैतिक हितों के दृष्टिगत हमेशा विश्व की महाशक्तियों तथा उभरती शक्तियों को ध्यान में रखकर अपनी वैश्विक राजनीति और कूटनीति को अपनाना चाहिए। इसे छोटे छोटे मसले जैसे पाकिस्तान या बांग्लादेश से उलझने के बजाय चीन को सामने रखकर प्लान बनाने चाहिए। भारत से टकराव की स्थिति बनाए रखना पाकिस्तान जैसे देशों के हित में है, क्योंकि यह इसे उसे भारत के समकक्ष आने में सहायता प्रदान करता है। वर्ष 1986 में पूर्व सेना प्रमुख जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी ने इंडिया टुडे पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि “भारत के लिए चीन ही असली खतरा है। पाकिस्तान से तो यूं ही चलते फिरते निपटा जा सकता है”। यह वक्तव्य भले ही सैन्य दृष्टिकोण से हो परंतु अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी यही सत्य है। ...