बदलते गांव
गांवों का जिक्र आते ही एक सुकून भरे, शांत, सहज, सादगीपूर्ण वातावरण का दृश्य उभरकर सामने आता है जिसमें हरे-भरे खेत, हल जोतते किसान, मवेशियों के गले में बंधी घंटियों का आवाज, जाड़े में अलाव के चारों ओर बैठे गपियाते लोग,चौक चौराहों पर हुक्के की गुड़गुड़ में बतियाते बुजुर्गों के दृश्य हैं, परंतु वास्तविकता यह है कि अब यह गांव बदल गया हैं। आधुनिक तकनीक और आधुनिक जीवन-शैली की चमक- धमक यहां दिखने लगी है। वस्तुत गांवों में दो तरह के बदलाव दिख रहे हैं । एक तरफ तो गरीबी, असमानता, पिछड़ापन कम हो रहा है दूसरी ओर गांव और ग्रामीणों का वह सिग्नेचर पहचान लुप्त हो रहा है, जिसके लिए वह जाना जाता रहा है। ग्रामीण भारत में परिवर्तन और किसानों के बदलते जीवन के संबंध विभिन्न शोधों से स्पष्ट है कि भारत के ग्रामीण परिवेश में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। किसानों की आय बढ़ने से उनका जीवन स्तर सुधर रहा है। भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च के अनुसार सरकारी सहायता कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभावों और विकास कार्यों के कारण देश में गरीबी में कमी आई है, जिसका ज्यादा प्रभाव ग...