टिपिकल गांव बखेडा़पुर
गांवो की कहानियां मुझे फैंटेसाइज करती है, तो हरेप्रकाश उपाध्याय जी का उपन्यास" बखेडा़पुर" मुझे फिर से अपने गांव मे ले गयी। वाकई यह उपन्यास नही, एक जीता जागता गांव है जो खुद स...
समसामयिक विषयों का विश्लेषण, ग्रामीण अंचल की किस्सा कहानी और पुस्तक समीक्षा