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खेलोगे कूदोगे होगे खराब

"खेलोगे कूदोगे होगे खराब पढोगे लिखोगे बनोगे नबाव।" समाज की ये सोच अब पहले जैसी नही रह गई है फिर भी बहुत ज्यादा बदली नही है। वस्तुतः खेल को कैरियर के रुप मे अभी भी मान्यता नही म...