विदेशों में बसने की घातक प्रवृत्ति
विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद यह तथ्य विचारणीय है कि आखिरकार एक बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में प्रवास के लिए भारत से क्यों जा रहे हैं? विदेशी नागरिकता लेना और ग्रीन पासपोर्ट धारी होना इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया है? पिछले सप्ताह राज्यसभा मे एक प्रश्न के ज़बाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि विगत 6 साल में 10 लाख से ज्यादा लोग भारत छोड़कर चले गए है। वर्ष 2024 में 2 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है। हालांकि कोरोना काल के दौरान नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन बाद में फिर नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। विदेश मंत्रालय के एक अन्य आंकड़े के अनुसार लगभग 3.2 करोड़ भारतीय दूसरे देशों में बतौर प्रवासी रह रहे हैं। इनमें से 1.32 करोड़ नान रेजिडेंट इंडियन हैं, जबकि 1.86 करोड़ लोग दूसरे देशों की नागरिकता तक ग्रहण कर चुके हैं। एक अनुमान है कि हरेक साल कम के कम 25 लाख भारतीय प्रवासी बन रहे हैं। इनमें वह आंकड़ा शामिल नहीं है, जिसमें पर्यटक वीजा पर दूसरे देशों में जाने वाले भारतीयों में से ...